Achievements 

 

बिहार विधान परिषद् की उपलब्धियां

 

गंगा पुल समिति

 

पटना में गंगा नदी पर सेतु के निर्माण में गंगा पुल समिति ने स्व. रामविलास शर्मा की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बिहार विधान परिषद् में इस विषय पर एक गैर-सरकारी संकल्प दिनांक 30 मई, 1969 को सदन में पेश किया गया। समिति के कठिन परिश्रम के बाद विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श कर 1 जुलाई, 1969 को प्रतिवेदित किया गया कि पुल, राजधानी पटना के गुलजारबाग में बनाया जाए। इस समिति ने अपनी कई महत्वपूर्ण बैठकें नई दिल्ली में भी की। उक्त समिति ने गंगा नदी पर सेतु निर्माण हेतु प्रभावकारी भूमिका अदा करते हुए विधायिका के इतिहास को एक नया आयाम दिया।

 

जहरीली शराब जांच समिति

 

7 से 13 दिसंबर, 1978 के बीच धनबाद जिला के विभिन्न भागों में जहरीली शराब पीने के कारण बहुत से लोगों की मृत्यु हो गई तथा बड़ी संख्या में लोग अंधे, अपंग, विक्षिप्त एवं विकलांग हो गए। इस समिति ने 3 अप्रील, 1979 को सदन के पटल पर अपना प्रतिवेदन रखा, परन्तु सदस्यगण इससे संतुष्ट नहीं हुए। सभापति ने सदस्यों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए जहरीली शराब जांच समिति का गठन किया। इस समिति ने ह्रदय विदारक असामयिक मौत की घटनाओं को पूर्णरूपेण रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण अनुशंसाएं की।

 

बीड़ी मजदूरों को निर्धारित मजदूरी एवं महंगाई भत्ता दिलाने संबंधी विशेष समिति

 

बीड़ी मालिकों द्वारा बीड़ी मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित दर पर महंगाई भत्ता तथा महिला मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित दर पर महंगाई भत्ता तथा महिला मजदूरों को पुरुष मजदूरों के समतुल्य मजदूरी नहीं देने से संबंधित विषय पर सभापति ने 10 अगस्त, 1977 को एक समिति का गठन किया, जिसने गहराई से विभिन्न बिन्दुओं की जांच कर अपने प्रतिवेदन में विभिन्न अनुशंसाएं की।

 

गंगा कटाव एवं सिंचाई से संबंधित विशेष समिति

 

29 जुलाई, 1977 को गंगा कटाव एवं सिंचाई से संबंधित परिषद् की एक विशेष समिति गठित की गई। कमिटी ने अपने प्रतिवेदन में गंगा कटाव की समस्या को पुरजोर ढंग से उठाया तथा मांग की कि इस तरह की समस्याओं के निदान हेतु एक अलग विशेष कोषांग की स्थापना की जाए।

 

बिहार जमींदारी उन्मूलन विधेयक

 

बिहार विधान परिषद् ने कानून बनाने के क्षेत्र में कई विधेयकों में महत्वपूर्ण संशोधन कर राज्य और राज्य की जनता के हितों की रक्षा के लिए सक्रिय पहल की। उदाहरणार्थ - बिहार जमीन्दारी उन्मूलन विधेयक, 1947 बिहार विधान सभा से पारित होकर जब बिहार विधान परिषद् में आया तो इस विधेयक में लगभग 43 संशोधन किये गए और इस संशोधित विधेयक को बिहार विधान सभा द्वारा स्वीकार किया गया।

 

आन्तरिक उपलब्धि

 

इन सबके इतर भी विधान परिषद् की कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां रही हैं। जैसे - सन्दर्भ पुस्तकालय की स्थापना, परिषद् की पत्रिका परिषद् दृष्टि का प्रकाशन, परिषद् भवन एनेक्सी का निर्माण, सदन में जनहित की समस्याओं पर विशेष वाद-विवाद, लंबित आश्वासनों की सूची प्रत्येक सत्र में सदन के पटल पर रखा जाना तथा उस पर विशेष वाद-विवाद होना, महत्वपूर्ण विषयों पर माननीय सभापति के नियमन को मुद्रित कराकर सदन के पटल पर रखा जाना तथा उन समस्याओं पर विशेष समिति का गठन आदि।

 

मजहरुल हक अरबी व फारसी विश्वविद्यालय

 

10 अप्रील, 1998 की बैठक में पटना में मजहरुल हक अरबी व फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना और कार्यप्रणाली से संबंधित विषय पर माननीय सभापति प्रो. जाबिर हुसेन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

स्वतंत्रता सेनानी पेंशन में वृद्धि

 

स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में दिए जाने वाले पेंशन की राशि में वृद्धि के संबंध में 8 जून, 1998 को माननीय सभापति ने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए इस संबंध में शीघ्र कार्रवाई का आदेश दिया।

 

अल्पसंख्यक नरसंहार

 

गया, चतरा के अल्पसंख्यकों के नरसंहार के संबंध में 22 जुलाई, 1998 को माननीय सभापति प्रो. जाबिर हुसेन की विशेष पहल पर स्थापित विशेष जांच कमिटी का पुनर्गठन कर प्रतिवेदन और उग्रवाद से प्रभावित व्यक्तियों की सूची प्रकाशित हुई। माननीय सभापति ने साम्प्रदायिक दंगा में मारे गए अब्दुल वहीद को सहायता राशि और नौकरी देने संबंधी आदेश राज्य सरकार को दिया।

 

पुस्तकालय एवं दुलर्भ पांडुलिपियां

 

पुस्तकालयों की समस्या एवं दुर्लभ पाण्डुलिपियों की सुरक्षा से संबंधित विषय पर माननीय सभापति प्रो. जाबिर हुसेन ने राज्य पुस्तकालय आन्दोलन को अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से कई पुस्तकालयों का भ्रमण किया। माननीय सभापति महोदय की सक्रिय पहल पर 12 अगस्त, 1998 को इस विषय पर एक गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। माननीय सभापति ने पुस्तकालय की बजट राशि में वृद्धि के साथ-साथ राम मोहन राय पुस्तकालय फाउन्डेशन के संबंध में सरकार को आदेश दिया। माननीय सभापति के सुझाव पर राज्य सरकार ने रिपोर्ट के सर्वे के बाद पुस्तकालय अधिनियम लागू करने का यकीन दिलाया।

 

विकिरण की समस्या

 

खानों से रेडियेशन की समस्या और न्यूक्लियर रियेक्टर से जन स्वास्थ्य पर मंडराते खतरे के संबंध में 16 अप्रील, 1999 को माननीय सभापति प्रो. जाबिर हुसेन ने सरकार को स्पष्ट आदेश दिया.