आज बिहार विधान परिषद् सभागार में बिहार विधान परिषद् तथा बिहार विधान सभा के सदस्यों को योग गुरू स्वामी रामदेव ने प्राणायाम एवं योग की शिक्षा दी । उक्त अवसर पर उन्होंने परिषद् के वेबसाइट का बटन दबा कर उदधाटन किया ।
आयोजन की अध्यक्षता परिषद् के सभापति प्रो. जाबिर हुसेन ने की । अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो. हुसेन ने कहा कि बिहार विधान परिषद् का एक गौरवशाली इतिहास रहा है, आने वाले कुछ वर्षों में यह अपने शताब्दी-काल में प्रवेश कर जायेगा । विधान परिषद् के सदस्यों ने बिहार की समस्याओं के समाधान के लिये काफी संघर्ष किये हैं और सफलता पाई है । स्वामी रामदेव का अभिनन्दन करते हुये प्रो. हुसेन ने कहा कि स्वामी जी ने देश में योग क्रान्ति की लहर फैला दी है । इस लहर में देश करवटें ले रहा है और अपना राज्य बिहार भी इससे अलग नहीं रहेगा । बिहार ने इतिहास को गौरव प्रदान किया है, किन्तु बिहार के साथ इन्साफ नहीं हुआ है ।
स्वामी रामदेव ने ऊँ के उच्चारण के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की । परिषद् सभागार में सदस्यों को संबोधित करते हुये कहा कि योग से विधायकों का स्वास्थ्य सुधरेगा और जब इनका स्वास्थ्य सुधरेगा तो पूरे बिहार का स्वास्थ्य सुधरेगा । उन्होंने कहा कि योग के आदि गुरू पतंजलि बिहार में ही पैदा हुये । बिहार का अतीत सांस्कृतिक रूप से काफी संपन्न रहा है । योग के माध्यम से बिहार का वर्तमान भी सुधरेगा ।लोगों में आत्मविश्वास जागेगा और अपराधी बिहार से बाहर भाग जायेंगे । बिहार निश्चय ही एक विकसित राज्य बनेगा । उन्होंने आशा व्यक्त की कि मुख्यमंत्री से उनकी वार्ता हो रही है, पतंजलि योग पीठ की एक शाखा बिहार में खोली जायेगी ।
उन्होंने विधायकों को वस्तिका, कपालभाती, अनुलोम-विलोम तथा अन्य प्राणायामों एवं योग की व्यवहारिक शिक्षा दी । विधायकों ने उक्त अवसर पर इनका अभ्यास किया तथा रोगों से संबंधित प्रश्न पूछे ।
सभापति प्रो. जाबिर हुसेन ने प्रतीक चिन्ह एवं फूलों का गुलदस्ता भेंट कर स्वामी जी को सम्मानित किया । बिहार विधान सभा के अध्यक्ष, श्री उदय नारायण चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया ।