इस प्रथम अंक में गाँधी जी के जीवन और विचारों पर गहन प्रकाश डालते आलेख, टिप्पणियाँ, आदि छापे गए हैं।
Sakshya - 1 (October, 1995): On the life and ideology of Gandhi.
साक्ष्य अंक - 2 (मार्च, 1996)
यह अंक बिहार विधान परिषद की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने पर परिषद के प्रथम सभापति स्वर्गीय राजीव रंजन पर केंद्रित स्मृति-अंक के रूप में प्रकाशित किया गया।
Sakshya - 2 (March, 1996): It remembers the first Chairman Late Rajiv Ranjan Sinha.
साक्ष्य अंक - 3 (सितंबर 1996)
साक्ष्य का तीसरा अंक संसदीय लोकतंत्र पर केंद्रित है । इस अंक के माध्यम से हमारे लोकतंत्र को जानने-समझने का अवसर मिलता है।
Sakshya - 3 (September, 1996): An in-depth discussion by renowned writers on Parliamentary democracy.
साक्ष्य अंक - 4 (दिसंबर, 1999)
यह अंक महत्वपूर्ण विषयों पर परिषद में आयोजित विचार-गोष्ठियों, मुख्य अतिथि के रूप में शरीक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याती के विचारकों एवं लेखकों के मौलिक विचारों से सज्जित है।
Sakshya - 4 (December, 1999): Original and thought provoking views of national as well as international thinkers as expressed by them in seminars organised at Bihar Legislative Council on different important subjects.
साक्ष्य अंक - 5 (जनवरी, 2000)
बिहार विधान परिषद में आयोजित साहित्यिक-सांस्कृतिक गोष्ठियों में अभिव्यक्त साहित्यकारों-समिक्षकों के महत्वपूर्ण विचार साक्ष्य के पाँचवें अंक में शामिल किये गए हैं।
Sakshya - 5 (January, 2000): Contains important views of writers and observers of cultural phenomenon as expressed by them in literary and cultural seminars organised at Bihar Legislative Council.
साक्ष्य अंक - 6 (फरवरी, 2000)
बाल-श्रमिकों की समस्या पर केंद्रित साक्ष्य का यह अंक बाल श्रमिकों की समस्या के समाधान की दिशा में एक सार्थक पहल है। इस अंक में बाल-श्रम विषय पर परिषद में आयोजित दो-दिवसीय कार्यशाला की पूरी कार्यवाही छापी गई है।
Sakshya - 6 (February, 2000): An important initiative towards eradication of child labour and related problems. Contains proceedings of two workshops on Child Labour, organised in Legislative Council.
साक्ष्य अंक - 7 (मार्च, 2000)
यह अंक आपदा निवारण की दिशा में विधान परिषद की पहल का जीवंत दस्तावेज़ बन कर आया है। प्राकृतिक आपदाओं पर इस अंक में कई विशेषज्ञों ने अपने आलेख/विचार भी रखे हैं।
Sakshya - 7 (March, 2000): An important document on disaster management. Contains views of several specialists on the subject on Natural disasters.
साक्ष्य अंक - 8 (अप्रील, 2000)
बिहार में हिंसा और भागलपुर दंगें की पृष्ठभूमि की पड़ताल एवं समाधान की दिशा में की गई पहल का एक जीवंत दस्तावेज़।
Sakshya - 8 (April, 2000): Contains views of social activists and specialists on Violence in Bihar and an in-depth study of the background of Bhagalpur riot.
साक्ष्य अंक - 9 (जून, 2000)
संसदीय लोकतंत्र की चुनौतियों एवं अन्य विधायी विषयों पर केंद्रित इस अंक में बिहार विधान सभा में दो विभिन्न सरकारों के विश्वास मत पर क्रमशः 10 मार्च, 2000 एवं 16 मार्च, 2000 को हुए वाद-विवाद की संपूर्ण कार्यवाही तथा डॉ. जाकि़र हुसेन स्मृति व्याख्यान के तहत संसदीय लोकतंत्रः नई चुनौतियाँ विषय पर आयोजित तीन भिन्न गोष्ठियों की कार्यवाही के साथ-साथ विभिन्न विद्वानों के कुछ प्रासंगिक आलेख हैं।
Sakshya - 9 (June, 2000): Contains proceedings of the debate in Bihar Legislative Assembly on confidence motion of two governments held on March 10, 2000. And also, the proceedings of Dr. Jakir Husain Memorial Lectures on the subject Parliamentary Democracy : New Challenges, and some articles on the subjects.
साक्ष्य अंक - 10 (सितंबर, 2000)
साक्ष्य का यह अंक साहित्य-विशेषांक है। यह अंक समकालीन साहित्यिक परदृश्य में एक सार्थक हस्तक्षेप की तरह हमेशा याद किया जायेगा। इसमें देश भर के चर्चित साहित्यकारों की मौलिक कहानियाँ, कविताएँ, आलेख, विचार के अतिरिक्त संपूर्ण उपन्यास काली माटी प्रकाशित किया गया है।
Sakshya - 10 (September, 2000): A special number on literature, reflecting a consummate scenario of the contemporary Indian literature. It contains original stories, poems, articles and views of renowned writers of our country, and also a complete novel Kali Mati by Ali Amjad, a nenowned novelist from Pakistan.
साक्ष्य अंक - 11 (जुलाई, 2001)
निशाने पर बिहार - बिहार की अस्मिता के प्रश्न पर केन्द्रित है।
Sakshya - 11 (July, 2001): Based on the question of Bihar's identity and dignity of its people.
साक्ष्य अंक - 12 (जून, 2002)
विधायिका के दायित्व - यह अंक संसदीय लोकतंत्र में विधायिका के दायित्व पर आधारित है।
Sakshya - 12 (June, 2002): On the role of Legislature in a Parliamentary democracy.
साक्ष्य अंक - 13 (जनवरी, 2004)
घाम में कोपलें - यह अंक बच्चों पर आधारित है। इसमें बालाधिकार से संबंधित मुद्दों को उठाया गया है।
Sakshya - 13 (January, 2004): It is based on the problems of child labour and their rights and related problems.
साक्ष्य अंक - 14 (अक्टूबर, 2004)
नदियों की आग - भारत की नदियों से जुड़ी समस्याओं पर आधारित अंक है।
Sakshya - 14 (October, 2004): Concentrates on different aspects of the problems facing our rivers and related issues.
Note: From this point onwards, "Sakshya" makes a fresh start under a new name of "Parishad Sakshya" consequent to requirements laid down for its registration.
परिषद साक्ष्य अंक - 1 (अक्टूबर-दिसंबर, 2005)
कला का समय - यह अंक चित्रकला के विभिन्न पहलुओं पर आधारित है।
Parishad Sakshya - 1 (Oct-Dec, 2005): The first issue of Parishad Sakshya is wholly dedicated to art forms and artists. It contains articles by different artists of the country practicing different art forms, their dreams and problems faced by them.